Thursday, February 04, 2016

किसी राह में, किसी मोड़ पर


किसी राह में, किसी मोड़ पर
कही चल ना देना तू छोड़कर, मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र

किसी हाल में, किसी बात पर
कही चल ना देना तू छोड़कर, मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र

मेरा दिल कहे कहीं ये ना हो, नहीं ये ना हो, नहीं ये ना हो
किसी रोज तुझ से बिछड़ के मैं, तुझे ढूँढती फिरू दरबदर

तेरा रंग साया बहार का, तेरा रूप आईना प्यार का
तुझे आ नज़र में छुपा लू मैं, तुझे लग ना जाये कहीं नज़र

तेरा साथ है तो है जिंदगी, तेरा प्यार है तो है रोशनी
कहाँ दिन ये ढल जाये क्या पता, कहाँ रात हो जाये क्या खबर

~ मेरे हमसफ़र - 1970

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