Thursday, October 03, 2019

जाने कभी


आज भी कभी जब तवे पर ऊँगली जल जाती है |
 ना जाने क्यों माँ की बहुत याद आती है ||

थम जाता हूँ दफ्तर का रुख करते हुए जब भी |
याद आते ही दस्तूर पिताजी का, कदम चल पड़ते है अपने आप ||

चुभते क्रेडिट कार्ड औ OTP की टुन टुन के बीच,
बरबस खींचती है ध्यान, कोने में रखी गुलक्क की खनक, आँखें मींच ||

और इसी सबके बीच autoplay ने टीवी पर चलाया

जाने कँहा मेरा जिगर गया जी। ..अभी अभी यही था किधर गया जी...

__फिर न जाने कभी __

Monday, December 10, 2018

While you were away Dad !! Winters came by


While you were away Dad !! Winters came by
Air was cold and water just froze,

I sat alone in bed, and no one kissed me good nigh…
While you were away Dad !!, Winters came by…

Last Sunday, I fell from the bike,
I looked around, but you were nowhere to be found,
I stood on my own, brushed the dirt from my thigh…
While you were away Dad !! Winters came by

A week before, I got my stars,
Class stood to clap and the report was hung in hall,
Teacher said, your Dad will have his head high…
I shivered and smiled, but you know,
While you were away Dad !! Winters came by…

Mom says, you are out in lands of torn,
Clowning day & night to keep us warm,
I know in my heart, that you are not shy, but
While you were away Dad !! Winters came by…

Sunday, November 18, 2018

अलविदा कोई नही कहता, बस ऐसे ही चले जाते है


एक एक करके सब चले जाते है,
कुछ सुन कर कुछ कह कर चले जाते है दोस्त ।।

तन्हाई में क्या कहें, महफ़िलो में बहुत याद आते है,
एक एक करके सब चले जाते है दोस्त।।

कुछ को मौत तो कुछ को जिंदगी थका देती है,
तन्हाई में क्या कहें, महफ़िलो में बहुत याद आते है दोस्त ।।

अलविदा कोई नही कहता , बस ऐसे ही चले जाते है,
कुछ को मौत तो कुछ को जिंदगी थका देती है दोस्त ।।



Tuesday, June 05, 2018

जाने कब से

जाने कब से बिखरा है ये संसार |
जाने किसने लिखा है ये संसार ||
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आज उठा हूँ फिर से देखने ये संसार |
आज फिर पढ़ना शुरू करूंगा ये संसार ||
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Saturday, August 19, 2017

जब भी उठे ढेर से सवाल

जब भी उठे ढेर से सवाल |
आस पास हो खड़े बवाल पर बवाल ||
हो जायो खुद भी खड़े |
और मचायो भोकाल पर भोकाल ||

गर न पूछे कोई हाल या चाल  |
चुके हो कितने भी बेहाल ||
हो जायो फिर खड़े |
फिर मचायो  धमाल पर धमाल ||

 

Monday, July 03, 2017

अच्छा है अच्छा है जब तक ये बच्चा है

बच्चा  है बचपन है, बचपन का बचपना है
सच्चा है सज्जन है, सज्जन  का इम्तेहान है  |

आता है जाता है , कुछ कुछ गुन गुनाता है
मुझसे भी चलने को रोज़ ये कहता है |

तितलियों के पीछे नाहक ही भगाता है
गोदी में सर रख रोज़ ही सो जाता है  |

अच्छा है अच्छा है जब तक ये बच्चा है
सच्चा है सच्चा है मेरा ये अपना है |

Thursday, June 01, 2017

और इस पल में कोई नहीं है - बस एक मैं हूँ और एक तुम हो ||

और इस पल में कोई नहीं है - बस एक मैं हूँ और एक तुम हो || 

जाने किधर गए सारे के सारे
यहाँ रह गए बस हम दो बेचारे ||