थोड़ा झंझट है थोड़ा बबाल है,
इधर उधर का सबको ख्याल है,
मेरी दिल्ली तो एक कमाल है ।
कुछ आधा है तो कुछ अधूरा है
कहीं कहीं ही कुछ पूरा है
थोड़ा किस्सा है, थोड़ी कहानी है
मेरी दिल्ली में एक रवानी है ।
सब कुछ दिखता है, कुछ भी बिकता है
हल्का हल्का भुनता औ धुनता है
मेरी दिल्ली में कभी कुछ नहीं रुकता है ।
भीनी सी सुबह, महकी सी शाम है
अजब सा चहुँ ओर घाम है
मेरी दिल्ली एक ताम झाम है।
खुदा की तारीफ है , राम की बलिहारी है
हर गली में राधा-श्याम की छटा न्यारी है
मेरी दिल्ली में हर ख़ास -ओ- आम है
मेरी दिल्ली को मेरा सलाम है।
मेरी दिल्ली को मेरा सलाम है।
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