Saturday, August 06, 2011

वो देते हैं क्यों ये दर्द बस हमी को,

वो देते हैं क्यों ये दर्द बस हमी को,

क्या समझेंगे वो इन आंखों कि नमी को
लाखो दीवानों हो जिस चाँद के
वो क्या महसूस करेगा हमारी कमी को 

Pending from a long time to post...so posted tonight...still in complete...though

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