Sunday, November 29, 2009

kabhi jaag to sahi

सड़कों पर आवारा यूँ फिरा नहीं करते,
अकेले अकेले यूँ जिया नहीं करते
रूकती नहीं जिंदगी किसी के लिए,
किसी और के ख्वाब के लिए, हमेशा जागा नहीं करते

Now the Counter thought

सड़कों पर आवारा कभी फिरो तो सही
अकेले अकेले, पर जियो तो सही,
जिंदगी रुकेगी हेर मोड़ पर तुम्हारे लिए,
किसी और के ख्वाब के लिए, कभी जागो तो सही...

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