Tuesday, March 11, 2008

Regular Talk at home

यूं ही तुम मुझसे बात करती हो,
या कोई प्यार का इरादा है

हम तो तेरे आशिक हैं सदियों पुराने
चाहे तू माने चाहे न माने

ना जाने मेरे दिल को क्या हो गया
अभी तो यहीं था अभी खो गया

याद तेरी आएगी, मुझको बड़ा सताएगी
जिद ये तेरी झूठी मेरी जान लेके जायेगी

गुन-गुना रहे हैं भंवरे, खिल रही है कली कली

लेकर पहला पहला प्यार, भर के आंखो में खुमार, जादू नगरी से आया है कोई जादूगर

रुक - रुक रुक अरे बाबा रुक...ओह माय डार्लिंग, गिव मी अ लुक

किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है....

हर फिक्र को धुएं में उडाता चला गया..में जिंदगी का साथ निभाता चला गया...

ये मेरा दीवाना पन है....

हम दिल डे चुके सनम, तेरे हो गए हैं हम...तेरी कसम.....

मेरे सामने वाली खिड़की में एक चाँद का टुकडा रहता है...

Now in reply to this no songs comes :) it's only scoldings.... something like this....

हाँ हाँ ....मालूम है...की सामने वाली लड़की को ही ताड़ते रहते हो....आने दो मम्मी को - (Now here Mom = My Mom and Her Mom :) )

ME - हाय रे हाय, दिल डूबा जाए.... हे हे हे हे .....ही ही ही ही....

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