Thursday, April 25, 2013

इंसानियत के नाते


इंसानियत के नाते, चलो मिल आते हैं खुदा से,
जिद उसकी सही, मान लेते है अब

कौन फैसला करेगा कि 
जरूरत उसकी बड़ी है या आरज़ू मेरी,


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